राम को देख कर श्री जनक नंदिनी लिरिक्स | Ram Ko Dekh Kar Shri Janak Nandini lyrics
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Ram Ko Dekh Kar Shri Janak Nandini Lyrics |
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी लिरिक्स -
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी ||
थे जनकपुर गये देखने के लिए,
सारी सखियाँ झरोकान से झाँकन लगी,
देखते ही नजर मिल गयी दोनों की,
जो जहाँ थी खड़ी की खड़ी रह गयी ||
बोली है एक सखी राम को देखकर,
रच दिए है विधाता ने जोड़ी सुघर,
पर धनुष कैसे तोड़ेंगे वारे कुंवर,
सब में शंका बनी की बनी रह गयी ||
बोली दूजी सखी छोटन देखन में है,
पर चमत्कार इनका नहीं जानती,
एक ही बाण में ताड़िका राक्षसी,
उठ सकी ना पड़ी की पड़ी रह गयी ||
राम को देख कर श्री जनक नंदिनी,
बाग में जा खड़ी की खड़ी रह गयी,
राम देखे सिया माँ सिया राम को,
चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी ||
Ram Ko Dekh Kar Shri Janak Nandini Lyrics
यह सुंदर कविता श्रीराम और माता सीता के प्रथम मिलन की भावनात्मक झलक प्रस्तुत करती है। कविता की सरलता और भावनात्मक गहराई इसे विशेष बनाती है।
मुख्य बिंदु:
प्रथम दृष्टि प्रेम: राम और सीता का मिलन स्वाभाविक और दिव्य प्रतीत होता है। पहली बार एक-दूसरे को देखकर वे ठहर से जाते हैं।
सखियों की प्रतिक्रियाएँ: जनकपुर की सखियाँ राम को देखकर आश्चर्यचकित होती हैं और उनके पराक्रम पर चर्चा करती हैं।
शंका और विश्वास: एक सखी को राम का धनुष तोड़ पाना कठिन लगता है, जबकि दूसरी सखी उनके चमत्कारी पराक्रम को जानती है।
सरल भाषा, गहरी भावना: कविता लोकशैली में सरल भाषा का प्रयोग करके एक गहरी छवि प्रस्तुत करती है।
संभावित सुधार:
कुछ स्थानों पर छंद को और लयबद्ध किया जा सकता है।
"चारो अँखिआ लड़ी की लड़ी रह गयी" – यह वाक्य अधिक प्रभावशाली बन सकता है, जैसे चार नयन ज्यों मिले, तो ठहरी दृष्टि वहीं!
कुल मिलाकर, यह एक मनमोहक और कोमल भावनाओं से भरी कविता है जो राम-सीता के प्रथम मिलन को जीवंत कर देती है। 🙏✨
Ram Ko Dekh Kar Shri Janak Nandini - Lyrics
Ram ko dekh kar Shri Janak Nandini,
Baag mein ja khadi ki khadi reh gayi,
Ram dekhe Siya Maa Siya Ram ko,
Chaaro ankhiya ladi ki ladi reh gayi. ||
The Janakpur gaye dekhne ke liye,
Saari sakhiya jharokaan se jhaankan lagi,
Dekhte hi nazar mil gayi dono ki,
Jo jahan thi khadi ki khadi reh gayi. ||
Boli hai ek sakhi Ram ko dekhkar,
Rach diye hai Vidhata ne jodi sughar,
Par dhanush kaise todenge vare kunwar,
Sab mein shanka bani ki bani reh gayi. ||
Boli dooji sakhi chhotan dekhan mein hai,
Par chamatkaar inka nahi jaanti,
Ek hi baan mein Tadika Rakshasi,
Uth saki na padi ki padi reh gayi. ||
Ram ko dekh kar Shri Janak Nandini,
Baag mein ja khadi ki khadi reh gayi,
Ram dekhe Siya Maa Siya Ram ko,
Chaaro ankhiya ladi ki ladi reh gayi. ||
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