हैल्लो दोस्तों आप कैसे है, आज का टॉपिक सबके लिए जानना बहुत ही जरुरी है ,
आज हम बात करेंगे दूषित पानी के पिने से होने वाले नुकसान , जैसा की हम जानते है आज के समय में अपने आप को स्वस्थ रखना कितना मुश्किल और चुनोतियो से भरा है पर ,यह बहुत जरुरी भी है ,
पानी का सीधा असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ता हैं। अगर पानी दूषित है तो वह स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता हैं। भारत में दूषित पानी की वजह से कई मौतें होती हैं। पेट से जुडी अधिकांश बीमारिया पानी की खराबी की वजह से ही होती हैं। पीने के पानी की स्वच्छता के मामले में यदि कोई असावधानी होती है तो कई तरह के रोग शरीर को घेरने में देर नहीं लगाते। अगर पानी में स्वछता नहीं होगी तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं दूषित पानी से होने वाले रोगों के बारे में ताकि इनके लक्षण जानकर आप तत्काल पानी में सुधार ला सकें। तो आइये जानते हैं कौनसे रोग दूषित पानी की वजह से होते हैं।
क्या हम जो पानी हर दिन पी रहे है वह कितना साफ़ शेफ और हेअल्थी है , जैसा की हम हम सब जानते है की पानी का जितना जरुरी साफ़ होना है उतना ही जरुरी सुरक्षित होना चाहिए है और सुरक्षित के साथ साथ हेल्थी भी होना चाहिए। हम जो पानी हर दिन पी रहे है वो दिखने में साफ़ है यह जरुरी नहीं वह सुरक्षित और स्वस्थ के लिए अच्छा हो.
जो पानी हम हर दिन पी रहे है उसका पता करना बहुत ही जरुरी है, क्या हमारा पानी साफ़ , सुरक्षित, हेल्थी है।
गन्दा पानी क्या होता है
वह पानी जिस में विशुद्धिया घुली है, जिबाणु और जो दिखने में साफ़ नहीं होता है जिस में वेक्टेरिया पाए जाते है और पानी में बदबू आती है ऐसे पानी को भूल कर भी न पिए
पानी की जाँच कैसे करे:
पानी की जाँच हम दो तरह से कर सकते है
1 . TDS Meter (Total Dissolve Solvent)
TDS Meter यह एक डिजिटल यन्त्र जिसकी सहायता से पानी में घुली बिशुद्धायो को जाँच कर एक रीडिंग आती है यही आपके पानी की TDS रीडिंग है
पीने योग्य पानी की TDS रीडिंग 50 के आस पास होनी चाहिए
TDS Meter से पानी की जाँच करना बहुत ही आसान है इसके लिए जिस पानी की जाँच करनी है उसको कांच के ग्लास में फुल से थोड़ा खाली पानी लेना है फिर उसमे TDS Meter को शुरू करके ग्लास में पकड़कर रहे २से ३ मिनट तक उसमे जो रीडिंग आयेगी उसको नोट कर ले
TDS Meter की बहुत ही आसान तरीके से प्राप्त कर सकते है
2. Electrolysis Process
एलेक्ट्रोलिसिस प्रोसेस यह एक ऐसा तरीका है जिसमे पानी का विघटन इलेक्ट्रोड की सहायता से किया जाता है इसमें पानी में घुली विशुद्धियो को देख सकते है इस टेस्ट में पानी का रंग बदल जाता है , काला हो जाता है।
नार्मल yellowish पानी पिने योग्य होता है इसके आलावा पानी में और कोई बदलाव पानी को पिने योग्य नहीं होगा
दूषित पानी पिने से होने वाली बीमारी
जापानी बुखार
जापानी इन्सेफेलाइटिस एक पानी से संबंधित बीमारी है जो मच्छरों के कारण होता है। इसे हम जापानी बुखार के नाम से भी जानते है। यह रोग विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और कम प्रतिरक्षा क्षमता वाले कमजोर व्यक्तियों में ज्यादा होता है। इन्सेफेलाइटिस के सामान्य लक्षणों की बात करें तो इनमें बुखार का होना, हमेशा सिरदर्द की शिकायत, भूख न लगना, कमजोरी सा लगना और बीमारी जैसे कई अनुभव होना भी शामिल हैं।
डायरिया
भारत में डायरिया प्रदूषित पानी से होने वाली एक प्रचलित रोग है जिससे ज्यादा बच्चे प्रभावित होते हैं। डायरिया दूषित भोजन और पीने के पानी के माध्यम से फैलता है। दिन में यदि हमें तीन या इससे अधिक बार हमें पतला दस्त आता है, तो यह डायरिया की तरफ इशारा करता है। डायरिया होने पर हमारे शरीर में पानी की कमी आने लगती है, जिसके कारण हमें डिहाइड्रेशन हो जाता है, जो हमारे लिए किसी भयानक बीमारी से कम नहीं है।
टाइफाइड
टाइफाइड सल्मोनेला नामक एक बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है। यह बैक्टीरिया प्रदूषित पेय व खाद्य पदार्थो के सेवन से आंतों में जाकर वहां से रक्त में पहुंच जाता है। यह बहुत ही गंभीर बीमारी है। अगर समय रहते पकड़ में आ जाए तो एंटीबायोटिक्स देने से ठीक हो जाता है। लेकिन टाइफाइड आमतौर पर समय पर पकड़ में नहीं आता। शुरू में तो मामूली बुखार लगता है जिसे अकसर अनदेखा कर देते हैं। कई बार पता ही नहीं चलता कि बच्चों को बुखार है, लेकिन यह बुखार अंदर ही अंदर पनप रहा होता है।
हैजा
हैजा भी दूषित पानी से होने वाली एक बीमारी है जिससे भारत में हर साल हजारों लोग शिकार होते हैं। वैसे हैजा रोग विबियो कोलेरी नामक बैक्टीरिया से फैलता है। यह गर्मियों के अन्त में या वर्षा ऋतु के शुरू में फैलता है। अगर इसका सही समय पर इलाज ना किया जाए तो ये जानलेवा साबित हो सकता है। दूषित पानी के अलावा हैजा दूषित भोजन और दूध एवं दूध के उत्पाद, कटे हुए फल, साग-सब्जियां के कारण भी फैलता है। इसके लक्षणों में रोगी को दस्त होने लगता है और प्यास बहुत लगती है।
पानी को शुद्ध करने के तरीके
1. पानी को उबालकर छान कर पानी को पिने योग्य बनाया जा सकता है
2. पानी में फिटकरी डाल कर पानी को साफ़ किया जा सकता है
3. Water Purifier Installation
आज हम बात करेंगे दूषित पानी के पिने से होने वाले नुकसान , जैसा की हम जानते है आज के समय में अपने आप को स्वस्थ रखना कितना मुश्किल और चुनोतियो से भरा है पर ,यह बहुत जरुरी भी है ,
पानी का सीधा असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ता हैं। अगर पानी दूषित है तो वह स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता हैं। भारत में दूषित पानी की वजह से कई मौतें होती हैं। पेट से जुडी अधिकांश बीमारिया पानी की खराबी की वजह से ही होती हैं। पीने के पानी की स्वच्छता के मामले में यदि कोई असावधानी होती है तो कई तरह के रोग शरीर को घेरने में देर नहीं लगाते। अगर पानी में स्वछता नहीं होगी तो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं दूषित पानी से होने वाले रोगों के बारे में ताकि इनके लक्षण जानकर आप तत्काल पानी में सुधार ला सकें। तो आइये जानते हैं कौनसे रोग दूषित पानी की वजह से होते हैं।
क्या हम जो पानी हर दिन पी रहे है वह कितना साफ़ शेफ और हेअल्थी है , जैसा की हम हम सब जानते है की पानी का जितना जरुरी साफ़ होना है उतना ही जरुरी सुरक्षित होना चाहिए है और सुरक्षित के साथ साथ हेल्थी भी होना चाहिए। हम जो पानी हर दिन पी रहे है वो दिखने में साफ़ है यह जरुरी नहीं वह सुरक्षित और स्वस्थ के लिए अच्छा हो.
जो पानी हम हर दिन पी रहे है उसका पता करना बहुत ही जरुरी है, क्या हमारा पानी साफ़ , सुरक्षित, हेल्थी है।
गन्दा पानी क्या होता है
वह पानी जिस में विशुद्धिया घुली है, जिबाणु और जो दिखने में साफ़ नहीं होता है जिस में वेक्टेरिया पाए जाते है और पानी में बदबू आती है ऐसे पानी को भूल कर भी न पिए
पानी की जाँच कैसे करे:
पानी की जाँच हम दो तरह से कर सकते है
1 . TDS Meter (Total Dissolve Solvent)
TDS Meter यह एक डिजिटल यन्त्र जिसकी सहायता से पानी में घुली बिशुद्धायो को जाँच कर एक रीडिंग आती है यही आपके पानी की TDS रीडिंग है
पीने योग्य पानी की TDS रीडिंग 50 के आस पास होनी चाहिए
TDS Meter से पानी की जाँच करना बहुत ही आसान है इसके लिए जिस पानी की जाँच करनी है उसको कांच के ग्लास में फुल से थोड़ा खाली पानी लेना है फिर उसमे TDS Meter को शुरू करके ग्लास में पकड़कर रहे २से ३ मिनट तक उसमे जो रीडिंग आयेगी उसको नोट कर ले
TDS Meter की बहुत ही आसान तरीके से प्राप्त कर सकते है
2. Electrolysis Process
एलेक्ट्रोलिसिस प्रोसेस यह एक ऐसा तरीका है जिसमे पानी का विघटन इलेक्ट्रोड की सहायता से किया जाता है इसमें पानी में घुली विशुद्धियो को देख सकते है इस टेस्ट में पानी का रंग बदल जाता है , काला हो जाता है।
नार्मल yellowish पानी पिने योग्य होता है इसके आलावा पानी में और कोई बदलाव पानी को पिने योग्य नहीं होगा
दूषित पानी पिने से होने वाली बीमारी
जापानी इन्सेफेलाइटिस एक पानी से संबंधित बीमारी है जो मच्छरों के कारण होता है। इसे हम जापानी बुखार के नाम से भी जानते है। यह रोग विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और कम प्रतिरक्षा क्षमता वाले कमजोर व्यक्तियों में ज्यादा होता है। इन्सेफेलाइटिस के सामान्य लक्षणों की बात करें तो इनमें बुखार का होना, हमेशा सिरदर्द की शिकायत, भूख न लगना, कमजोरी सा लगना और बीमारी जैसे कई अनुभव होना भी शामिल हैं।
डायरिया
भारत में डायरिया प्रदूषित पानी से होने वाली एक प्रचलित रोग है जिससे ज्यादा बच्चे प्रभावित होते हैं। डायरिया दूषित भोजन और पीने के पानी के माध्यम से फैलता है। दिन में यदि हमें तीन या इससे अधिक बार हमें पतला दस्त आता है, तो यह डायरिया की तरफ इशारा करता है। डायरिया होने पर हमारे शरीर में पानी की कमी आने लगती है, जिसके कारण हमें डिहाइड्रेशन हो जाता है, जो हमारे लिए किसी भयानक बीमारी से कम नहीं है।
टाइफाइड
टाइफाइड सल्मोनेला नामक एक बैक्टीरिया से होने वाली बीमारी है। यह बैक्टीरिया प्रदूषित पेय व खाद्य पदार्थो के सेवन से आंतों में जाकर वहां से रक्त में पहुंच जाता है। यह बहुत ही गंभीर बीमारी है। अगर समय रहते पकड़ में आ जाए तो एंटीबायोटिक्स देने से ठीक हो जाता है। लेकिन टाइफाइड आमतौर पर समय पर पकड़ में नहीं आता। शुरू में तो मामूली बुखार लगता है जिसे अकसर अनदेखा कर देते हैं। कई बार पता ही नहीं चलता कि बच्चों को बुखार है, लेकिन यह बुखार अंदर ही अंदर पनप रहा होता है।
हैजा
हैजा भी दूषित पानी से होने वाली एक बीमारी है जिससे भारत में हर साल हजारों लोग शिकार होते हैं। वैसे हैजा रोग विबियो कोलेरी नामक बैक्टीरिया से फैलता है। यह गर्मियों के अन्त में या वर्षा ऋतु के शुरू में फैलता है। अगर इसका सही समय पर इलाज ना किया जाए तो ये जानलेवा साबित हो सकता है। दूषित पानी के अलावा हैजा दूषित भोजन और दूध एवं दूध के उत्पाद, कटे हुए फल, साग-सब्जियां के कारण भी फैलता है। इसके लक्षणों में रोगी को दस्त होने लगता है और प्यास बहुत लगती है।
पानी को शुद्ध करने के तरीके
1. पानी को उबालकर छान कर पानी को पिने योग्य बनाया जा सकता है
2. पानी में फिटकरी डाल कर पानी को साफ़ किया जा सकता है
3. Water Purifier Installation
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